प्यासी निशा....
नमस्कार दोस्तो...
में आशा...
आज में अपनी बेहेन निशा कि कहाणी बता ने जा रही हू....
निशा मेरी सबसे छोटी बेहेन हें.
दिखने में ठीक ठाक सी.. और बाते करणे में सबसे आगे.. पर स्कूल में एक्दम नाकाम..
पता नही उसको क्या पसंद था..
कभी कभी बहुत बाते करती तो कभी एक्दम चूप..
हम परेशान होते उसको ऐसा देखकर....
बचपण तो लौट जा रहा था आब निशा 17 साल कि होगयी.. स्कूल को छुट्टी शुरु होगयी.. हम आपने दादी के गाव नासिक आ गये....
गर्मी बहुत थी गाव को उपर से निशा तंग करणे लगी.. वहा पे हमारी मुलकात यश नाम के लडके से होगयी ..
दिखने में नोजवान.. 😍 बॉडी तो पूछो ही मत हमारी निशा तो उसे बात करके थक थी नही थी......
बाबा को ये सब पसंद नही था....
हम हर रोज खेतो में जाते खूब मस्ती. मजाक करते.
घर आणे का मन नही होता था .. रोज मिलना बाते करणा..
एक दिन कि बात हें. निशा और यश दोनो ही खेत गये.. बहुत टाइम् हुवा बाबा बोलें देख के आओ..
रात के 7 बजे थे.... में और मेरा भाई मनोज हम दोनो खेत के और चाले अब तो अंधेरा होणे लगा था...
में डरने लगी क्यूकी खेतो में रात को कोई नही होता..
हम पहुच गये वहा निशा को जोर जोर से आवाज देनाशुरु किया.. निशा.... निशा ... निशा कहा हो.
वहा कोई नही था.. फिर हम कुये के पास गये जहाँ हम जाया करते थे...
वहा जाके देखा तो ?????